Maha shiv

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संरक्षक

पद्मश्री श्री रामेश्वरलाल जी काबरा

न्यासीगण

आनन्द राठी

अध्यक्ष

राम अवतार जाजू

उपाध्यक्ष

संदीप झंवर

सचिव

अशोक कालानी

कोषाध्यक्ष

अरुण अग्रवाल

सह-सचिव

विनीत सर्राफ

न्यासी

भंवरलाल सोनी

न्यासी

त्रिभुवन काबरा

न्यासी

अशोक सोनी

न्यासी

मनोज वद्रा

न्यासी

कैलाश बियाणी

न्यासी

गोविन्द माहेश्वरी

न्यासी

नवनीत सोमानी

न्यासी

रामरतन भूतड़ा

न्यासी

ज्योति माहेश्वरी

न्यासी

अजीत अग्रवाल

न्यासी

राजस्थान की प्रथम वेद विद्यापीठ

मानव जीवन को प्रभाबित करने वाली सामाजिक, राष्ट्रीय, पर्यावरण व अन्य सभी प्रकार की मानवीय, सामाजिक समस्याओं का ज्ञानपूर्ण समाधान वेदों में है। यही कारण है आज विश्व का बुद्धिजीवी वर्ग वेद प्रतिपादित सभी शास्त्रों का गंभीरतापूर्वक अध्ययन कर रहा है। वेद दीर्घकाल तक जन-जीवन के अंग रहे हैं। इसे जीवन्त रखना अत्यन्त आवश्यक है। भारतीय संस्कृति की प्रसुप्त विद्याओं को पुनर्जीवित कर व्यक्ति एवं समाज में उच्च मूल्यों की स्थापना का कार्य इस संस्था का मुख्य उद्देश्य है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए पूज्य स्वामी श्री गोविन्ददेव गिरिजी (पूज्य आचार्य श्री किशोरजी व्यास) की पावन प्रेरणा एवं महर्षि वेद व्यास प्रतिष्ठान (पुणे) के सहयोग से बसंत पंचमी के शुभ दिन दिनांक 28 जनवरी 2001 को अ.भा. माहेश्वरी सेवा सदन पुष्कर राज. में महेश बेद अध्ययन केन्द्र के रूप में इस विद्यालय का शुभारंभ हुआ। प्रखर कर्मयोगी स्व. श्री पुखराज जी कालानी एवं श्रेष्ठ मनीषी स्व. श्री चिरंजीलालजी झंवर एवं स्व. श्री ओमप्रकाश जी सोनी एवं समर्पित आचार्य श्री महेशजी नन्दे इस विद्यालय के प्रमुख आधार- स्तम्भ रहे। पद्मश्री श्रीमती राजश्री जी बिड़ला के द्वारा विद्यालय का विधिवत् उद्घाटन हुआ।

विद्यापीठ परिसर एवं गतिविधियां

  1. ब्रह्मा सावित्री वेद विद्यापीठ का भव्य परिसर 10 बीघा भूमि पर स्वच्छ प्राकृतिक वातावरण में पवित्र पुष्कर सरोवर के दक्षिण में सावित्री मन्दिर के समीप स्थित है।

  2. 150 छात्रों के लिये अध्ययन कक्षायें, ग्रन्थालय, वाचनालय, विद्यालय, छात्रावास भवन बने हुए हैं। आचार्य निवास के लिए 12 क्वार्ट्स हैं।

  3. वर्तमान में 115 छात्र वेदविद्या में अध्ययनरत हैं। विद्यालय को महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेदविद्या प्रतिष्ठान, उज्जैन से मान्यता प्राप्त है। छात्रों को सम्पूर्ण शिक्षा निःशुल्क दी जाती है जो गुरुकुल पद्धति पर आधारित है। बेद अध्ययन के अतिरिक्त छात्रों को अंग्रेजी,

  4. वैदिक मंत्र शास्त्र अनुसंधान मंदिर में अन्यत्र दुर्लभ अष्ट भुजाधारी भगवान् मृत्युञ्जय महादेव, माता पार्वती, गणपतिजी, हनुमानजी एवं गायत्री माता के साथ सपरिवार विराजमान हैं। यहाँ विराजित शिवलिंग पर छात्रों द्वारा नित्य अभिषेक किया जाता है। छात्रों द्वारा नित्य पूजा, अर्चना, श्रृंगार एवं आरती की जाती हैं। कम्प्यूटर एवं गणित की मूलभूत शिक्षा भी दी जाती है।

  5. अध्ययन गतिविधियों के अन्तर्गत ही छात्रों द्वारा महामृत्युञ्जय जप, महारुद्राभिषेक, लघुरुद्र अभिषेक, रुद्रयज्ञ, नवचण्डी और शत-चण्डी इत्यादि अनुष्ठान करवाये जाते है।

  6. यजमान परिवारों के रुकने के लिये सभी सुविधाओं से सुसज्जित 35 AC कमरों का विश्रान्तिगृह है।

सहभागिता योजनायें

  1. विद्यार्थी भोजन कोष योजना: इस योजना में रुपये 75,000/- जमा करवाकर आगामी 5 वर्षों तक आपके इच्छित दिन में एक समय का भोजन आपके नाम से संकल्प के साथ सभी वेद पाठी छात्र करेंगे। आप परिवार के किसी भी सदस्य की जन्म तिथि, विवाह वर्षगांठ, पुण्य तिथि अथवा अन्य अवसर हेतु लाभ ले सकते हैं। प्रायोजित दिन से पूर्व आपके पास सूचना भेज दी जायेगी एवं आप चाहें तो स्वयं पधारकर भी छात्रों को भोजन करवा सकते हैं।

  2. ऋषिकुमार दत्तक योजना: इस योजना के अन्तर्गत, आप प्रतिवर्ष एक या अधिक विद्यार्थी को दत्तक (गोद) ले सकते हैं। प्रत्येक विद्यार्थी हेतु केवल 21,000/- रुपये में इस योजना के अन्तर्गत एक विद्यार्थी को दत्तक लिया जा सकता है। एक विद्यार्थी को एक वेद की पढ़ाई में सात वर्ष लगते हैं। आप एक विद्यार्थी को पूरे सात वर्ष के लिए 1,47,000/- रुपये देकर भी दत्तक ले सकते हैं।

  3. अनुष्ठान एवं हवन योजना : अष्ट भुजाधारी भगवान् मृत्युञ्जय महादेव मंदिर में षडङ्ग रुद्राभिषेक रुपये 11,000/- के अनुदान से तथा महा रुद्राभिषेक रुपये 36,000/- के अनुदान से करवाये जा सकते हैं। विद्यापीठ के प्रांगण में दवनात्मक यज्ञ हेतु यज्ञशाला निर्मित है। अतः आप रुपये 11,000/- की सहयोग राशि देकर किसी भी मांगलिक तिथि, पर्व आदि के निमित्त यहाँ हवन-पूजन कर सकते हैं।

  4. विशेष पूजा: किसी भी यजमान द्वारा कोई भी विशेष पूजा (जैसे महामृत्युञ्जय जाप, नवचण्डी अनुष्ठान इत्यादि) भी कराई जाती है।

  5. छात्र भोजन : छात्रों के एक समय के भोजन के लिए अन्नक्षेत्र में 15,000 /- रुपये की राशि देकर सहभागी बन सकते हैं।

  6. पूर्णिमा यज्ञ एवं विशेष आरती योजना: मनोकामना पूर्ति हेतु प्रत्येक पूर्णिमा को पुष्कर तीर्थ में स्नान ध्यान के उपरान्त विद्यापीठ परिसर स्थित यज्ञशाला में हवन-पूजन सम्पन्न कराया जाता है तथा मृत्युञ्जय महादेव मंदिर में प्रत्येक सोमवार को सायंकाल विशेष आरती का आयोजन किया जाता है। इच्छुक महानुभाव किसी भी सोमवार व पूर्णिमा को उपस्थित होकर विशेष आरती या हवन के यजमान बनकर पुण्य लाभ ले सकते हैं।

आपसे निवेदन है कि आप, आपका परिवार एवं मित्रगण उपरोक्त योजनाओं का अवश्य लाभ उठावें एवं वेद विद्यापीठ के विकास में सहयोग प्रदान करें। आपके ठहरने एवं भोजन की सुविधा उपलब्ध रहेगी।

आप अपनी राशि नीचे दी जा रही बैंक में जमा भी करवा सकते हैं:

Account Name : Brahma Savitri Ved Vidhya Peeth Pushkar

Bank and Branch : HDFC Bank, LalKothi Tonk Road, Jaipur

Account Number : 59145914591459 IFSC Code: HDFC0000644